नगर नगर निगम अफसर पर बल्ले से वार करने वाले पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय समेत दस आरोपियों को जिला कोर्ट ने बरी कर दिया है। सोमवार को आए फैसले में पूूर्व विधायक विजयवर्गीय को राहत मिलने के बाद उनके समर्थकों ने लड्डू बांटे। जो अधिकारी आकाश के बल्ले का शिकार हुए थे और उनके खिलाफ थाने में शिकायत करने पहुंचे थे। वे ही सुनवाई के दौरान मुकर गए।
उन्होंने अपने बयान मेें कहा था कि उन्होंने आकाश को बल्ला चलाते हुए नहीं देखा था, बल्कि आकाश के हाथ में बल्ला देखा थाा कमजोर साक्ष्य का फायदा आरोपियों को मिला और इस बल्ला कांड में सभी आरोपी बरी हो गए। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 9 सितंबर को फैसला लिया। नगर निगम का अमला गंजी कपाउंड क्षेत्र में खतरनाक मकान हटाने गए थे। इसका आकाश विरोध करने पहुंचे थे। उनका आरोप था कि नगर निगम अफसर मकान मालिकों से सांठ-गांठ कर मकानों को खतरनाक घोषित कर उन्हें तोड़ने का काम कर रहे है।
मौके पर पहुंचे अफसर धीरेंद्र बायस पर आकाश ने बल्ला मार दिया था। इसके बाद एमजी रोड पुलिस थाने में आकाश के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने सहित अन्य धारा में केस दर्ज किया था और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। यह बल्ला कांड देशभर में चर्चित हुआ था।
वकीलों ने कहा-वीडियो एडिटेड है
26 जून 2019 को आकाश विजयवर्गीय गंजी कपाउंंड पहुंचेे थे। तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और आकाश इंदौर की तीन नंबर विधानसभा सीट के विधायक थे। विधायक आकाश का बल्ला मारते हुए वीडियो वायरल हो गया था। कोर्ट में आकाश के वकीलों ने कहा कि वायरल वीडियो एडिटेड है और पुलिस ने उसकी फोरेंसिक जांच भी नहीं की।
आकाश का बल्लाकांड काफी चर्चित हुआ था। भाजपा की बैठक में भी इस पर चर्चा हुई थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर नाराजगी जताई थी। आकाश ने तब कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और तत्कालीन निगमायुक्त आशीष सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे। बल्लाकांड के बाद आकाश ने कहा था कि नगर निगम के अफसरों ने अति कर दी है। कांग्रेस नेतागणों के इशारे पर मकान तोड़े जा रहे है। जब फिर मकान तोड़ने की जानकारी मिली तो मैं मौके पर पहुंचा, तो महिलाअेां के साथ निगमकर्मी बदसलूकी कर रहे है। आवेदन, निवेदन और दनादन यह हमारा लाइन आफ एक्शन है।
Author: Knn Media
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