September 20, 2024 9:07 pm

उज्जैन: सावन-भादो माह में महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन व्यवस्था निर्धारित

सावन का महीना शिव भक्ति के लिए सबसे बढ़िया माना गया है। देशभर में पूरे सावन माह के दौरान शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है और श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन और पूजन करते हैं। उज्जैन में सावन का महीना अपने आप में एक त्यौहार रहता है। वहीं, भगवान शिव की नगरी कहे जाने वाले उज्जैन में सावन के अतिरिक्त भादो मास के 15 दिन भी शिव भक्ति के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। कहावत है कि सालों पहले से ये परम्परा यूं ही चली आ रही है। क्योंकि एक वर्ग पूर्णिमा तिथि से पूर्णिमा तिथि तक श्रावण मास मानता है, जबकि दूसरा वर्ग अमावस्या तिथि से अमावस्या तिथि तक सावन मास को मानता है।

उज्जैन में भगवान शिव की पूजा व आराधना के लिए डेढ़ महीने का समय निर्धारित किया गया है। यही वजह है कि इस दौरान सावन भादो में महाकाल मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी कई गुना बढ़ जाती है। महाकाल मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को लेकर मंदिर प्रबंधन समिति का अनुमान है कि प्रत्येक सावन के सोमवार पर करीब साढ़े तीन लाख श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन पूजन के लिए आते हैं, इसके अलावा रोजाना आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी दो से ढाई लाख के बीच होती है।

महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति ने दर्शन के साथ साथ श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए मंदिर परिसर में ही अस्थाई अस्पताल की भी व्यवस्था की है। भीड़भाड़ के दौरान यदि अचानक किसी श्रद्धालु को किसी प्रकार की अस्वस्थता महसूस होती है तो वो श्रद्धालु मंदिर परिसर में अस्थाई अस्पताल में अपना उपचार करवा सकेगा।

इस संबंध में जानकारी देते हुए मंदिर प्रबंधन समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि सावन-भादो मास में यहां चिकित्सकों की तैनाती रहेगी। पैरा मेडिकल स्टाफ को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। आसपास के अस्पतालों के डॉक्टर और प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ पूरे समय उपस्थित रहेंगे। वहीं, बारिश को देखते हुए श्रद्धालुओं के लिए शेड भी लगाए गए हैं। इसके अलावा गर्मी से बचाव के लिए कूलर आदि की भी व्यवस्था की गई है।

महाकालेश्वर मंदिर में आगंतुक व सामान्य श्रद्धालुओं के सरल-सुलभ दर्शन की व्यवस्था के लिए प्रवेश त्रिवेणी संग्रहालय के समीप से नंदीद्वार श्री महाकाल, महालोक मानसरोवर भवन फेसेलिटी सेंटर 01 टनल मंदिर परिसर कार्तिक मण्डपम गणेश मण्डपम तक होगी। साथ ही भारत माता मंदिर की ओर से प्रशासनिक कार्यालय के सामने से आने वाले श्रद्धालु शंख द्वार से मानसरोवर भवन में प्रवेश कर फेसेलिटी सेंटर 01 टनल मंदिर परिसर कार्तिक मण्डपम गणेश मण्डपम से दर्शन कर सकेंगे।

श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण-भादो मास में अत्यधिक संख्या में कांवड़ यात्रियों का आगमन बाबा महाकाल को जल अर्पण करने के लिए होता हैं। कांवड़ यात्रियों को पूर्व सूचना दिए जाने पर शनिवार, रविवार, सोमवार को छोड़कर द्वार नंबर 04 से प्रवेश दिया जाएगा।

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Author: Knn Media

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