



लंबी अटकलों के बाद आखिरकार बुधवार को वक्फ संशोधन बिल संसद में पेश हो गया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में यह बिल पेश किया। सदन में बिल को पेश करते ही हंगामा मच गया। कांग्रेस सासंद केसी वेणुगोपाल राव ने कहा कि सरकार अल्पसंख्यकों के बीच विवाद पैदा करना चाह रही है। सरकार का मकसद ठीक नहीं है। आप देश को बांटने में लगे हैं।
सपा सांसद मोहिब्बुल्लाह ने सदन में कहा कि यह बिल मुस्लिमों के हक के खिलाफ है। यह हमारे मजहब में दखलअंदाजी है। ऐसा हुआ तो कोई भी अल्पसंख्यक खुद को देश में सुरक्षित महसूस नहीं करेगा। वहीं, TMC सांसद सुदीप बंधोपाध्याय और DMK सांसद के. कनिमोझि ने भी बिल का विरोध किया और इसे संविधान विरोधी बताया।
नीतीश कुमार की जदयू ने बिल को लेकर केंद्र सरकार का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह बिल मुस्लिम और संविधान विरोधी नहीं है। सरकार को कानून बनाने का हक है। बिल से किसी मस्जिद को असर नहीं पड़ने वाला है।
बिल के पीछे सरकार की मंशा है कि गरीब मुस्लिमों, अनाथ मुस्लिमों और मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिल सके। सदन में बिल पर आम सहमति नहीं बन पाती है तो सरकार इसे और अधिक चर्चा के लिए किसी संयुक्त समिति के पास भेज सकती है। सरकार ने इसके लिए करीब 70 समूहों से राय ली है। वक्फ के पास देश में रेलवे और डिफेंस के बाद सबसे अधिक संपत्ति है।

Author: Knn Media
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