



उत्तर प्रदेश के बदायूं के कोतवाली क्षेत्र में नवजात को एक पिता पर पैसों की लालच में चार लाख रुपये में बेचने का आरोप लगा है। जिस नवजात को बरेली निवासी एक निसंतान दंपती ने खरीदा था। मामले में पुलिस को खुद संज्ञान में लेते हुए नवजात को खरीदने वाले दंपति से वापस लाकर उसकी मां को सौंपा गया। हालांकि नवजात की मां की तरफ से पुलिस में किसी तरफ की शिकायत नहीं दी गई थी।
जानकारी के अनुसार कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले एक शख्स के पत्नी को गुरूवार को प्रसव पीड़ा हुई तो उसके पति ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। यहां महिला ने एक बेटे को जन्म दिया। मां नवजात को जन्म देकर होश में भी नहीं आई थी कि आरोप है कि उसके पिता ने उसे पैसों की लालच में उसे एक झोलाछाप डॉक्टर की मदद से उसे बेच दिया। पति समेत झोलाछाप डॉक्टर ने पत्नीऔर अन्य परिवार को बताया कि नवजात मरा हुआ पैदा हुआ था। लेकिन मामले में पुलिस ने संज्ञान लेते हुए जांच में जुटी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। पुलिस को मालूम पड़ा कि नवजात मारा हुआ। नहीं बल्कि जिंदा पैदा हुआ था। जिसे एक झोलाछाप के माध्यम से नवजात को बरेली के एक दंपती तो चार लाख रुपये में बेच दिया गया।
नवजात को बेचने के आरोप में पुलिस ने नवजात की मां से तहरीर देने को कहा तो उसने मना कर दिया। वजह बताई गई कि झोलाछाप व नवजात को खरीदने वाले के साथ ही उसका पति भी फंसता। इसलिए उसने मामले में तहरीर नहीं दी।
मामले में थाना प्रभारी निरीक्षक गौरव बिश्नोई ने बताया कि नवजात के पिता ने सहमति पत्र लिखकर नवजात को बेचा था। पुलिस मामले में कार्रवाई करना चाहती थी। लेकिन नवजात की मां ने किसी भी कार्रवाई से इनकार कर दिया। जिसके चलते मामले में मुकदमा दर्ज नहीं हो सका और नवजात का मेडिकल कराने के बाद उसकी मां को सौंप दिया।

Author: Knn Media
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