महाकुंभ प्रयागराज में भगदड़, 14 श्रद्धालुओं की मौत

प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मंगलवार देर रात भगदड़ मच गई, जिसमें 14 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए। यह घटना संगम तट पर करीब डेढ़ बजे घटी, जब अफवाह फैलने के कारण श्रद्धालुओं में अफरातफरी मच गई। भगदड़ के पीछे मुख्य कारण अफवाह बताया जा रहा है, जिससे श्रद्धालु घबरा गए और भीड़ अनियंत्रित हो गई। अफरातफरी के दौरान कई महिलाएं गिर गईं और भगदड़ में कुचलने से उनकी मौत हो गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने एनएसजी कमांडो को तैनात किया और संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी गई। भगदड़ के मद्देनजर बुधवार सुबह सभी 13 अखाड़ों ने मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द करने का निर्णय लिया था। हालांकि, बाद में अखाड़ों की बैठक में तय किया गया कि सुबह 10 बजे के बाद अमृत स्नान जारी रहेगा। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि अब घाटों पर भीड़ कम हो गई है, इसलिए स्नान को जारी रखा जाएगा, लेकिन शोभायात्रा नहीं निकाली जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस घटना को लेकर लगातार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संपर्क में हैं। पीएम मोदी ने सीएम योगी से तीसरी बार बात कर महाकुंभ की व्यवस्थाओं की जानकारी ली और सुधार के निर्देश दिए। इस बीच, सीएम योगी ने लखनऊ में आपात बैठक बुलाई, जिसमें अयोध्या और वाराणसी में भीड़ प्रबंधन पर भी चर्चा हुई।

महाकुंभ क्षेत्र में निगरानी के लिए हेलिकॉप्टर तैनात किए गए हैं, और ड्रोन के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। प्रयागराज शहर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर अस्थायी रोक लगा दी गई है और 60,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।

जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने श्रद्धालुओं से संयम रखने और संगम घाट पर अधिक भीड़ न बढ़ाने की अपील की। उन्होंने सुझाव दिया कि भक्तजन अन्य घाटों पर स्नान कर सकते हैं। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने भी प्रशासन के साथ सहयोग करने और भीड़ को नियंत्रित करने की अपील की।

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Author: Knn Media

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