



एमपी हाई कोर्ट के फैसले के बाद इंदौर में BRTS को हटाने की प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो गई है। इसे पहले आंशिक रूप से हटाया जाएगा और फिर व्यापक स्तर पर कार्रवाई होगी। BRTS के हटने से शहर के वाहन चालकों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी पहले ही इसके हटाने की घोषणा कर दी थी।
इंदौर में बीआरटीएस की शुरुआत 2013 में डीजल बसों के साथ हुई थी। बाद में CNG और फिर इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर दौड़ने लगीं। करीब 11 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर को विकसित करने का उद्देश्य शहरवासियों को समय पर और सुगम यात्रा उपलब्ध कराना था। शुरुआती दौर में इस मॉडल को देखने देशभर से लोग इंदौर पहुंचे थे, लेकिन समय के साथ BRTS से ट्रैफिक दबाव बढ़ने लगा।
BRTS की वजह से एबी रोड पर जाम की समस्या बढ़ने लगी, जिसके चलते इस व्यवस्था के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई। न्यायालय के आदेश के बाद BRTS को हटाने का निर्णय लिया गया है। इंदौर के महापौर पुष्पमित्र भार्गव ने बताया कि शुक्रवार से BRTS के कुछ हिस्सों को हटाने की शुरुआत हो चुकी है। वहीं आज कुछ कर्मचारी बसों में टिकट बेचने के लिए रोड़ किनारे बैठकर आईबस के टिकट बेचते नजर आए।

Author: Knn Media
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