



मुंबई के विले पार्ले के कांबलीवाड़ी स्थित 35 साल पुराने पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर को बुधवार को मुंबई नगर निगम ने ध्वस्त कर दिया। इसके बाद देशभर में जैन समुदाय नाराज है। मंदिर विध्वंस के खिलाफ शनिवार को सुबह 9:30 बजे अहिंसक रैली निकाली जाएगी। इस रैली में मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा, विधायक पराग अलवानी और जैन समाज के संत शामिल होंगे। बीएमसी द्वारा इस मंदिर को ध्वस्त किए जाने के बाद आज सभी दलों के नेता इस कार्रवाई के खिलाफ मार्च निकालेंगे। इस बात पर भी निर्णय लिया जाएगा कि आगे क्या किया जाए। बीएमसी की कार्रवाई के बाद जैन समुदाय में भारी रोष व्यक्त किया जा रहा है। इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार है। बीएमसी का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, जिसके बाद उसकी जिम्मेदारी फिलहाल सरकार के पास है। बीएमसी ने मंदिर को गिराने के संबंध में प्रबंध समिति को नोटिस जारी किया था। जैन समुदाय ने इसके खिलाफ बॉम्बे हाईरकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले की सुनवाई गुरुवार को तय गई थी, लेकिन इससे पहले बुधवार को बीएमसी की टीम ने मंदिर को ध्वस्त कर दिया।
जैन समुदाय का ओर से कहा गया है कि कोर्ट के फैसले के बाद बीएमसी प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए थी। मंदिर के ट्रस्टी अनिल शाह ने कहा कि बीएमसी ने कोर्ट के फैसले का इंतजार नहीं किया। मंदिर के ट्रस्टी ने कहा कि बीएमसी को पता था कि हमने हाईकोर्ट में अपील दायर की है, लेकिन बीएमसी प्रशासन ने जल्दबाजी में मंदिर को ध्वस्त कर दिया।
मंदिर के ट्रस्टी ने कहा कि हमने अधिकारियों से अनुरोध किया था कि वो कोर्ट के फैसले तक इंतजार करें, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी। अनिल शाह ने कहा कि जैन बंधु आज विध्वंस के खिलाफ अहिंसक विरोध प्रदर्शन करेंगे। बता दें कि इस विरोध प्रदर्शन से पहले जैन बंधुओं ने उस मंदिर में आरती की, जहां यह कार्रवाई की गई थी। इसके अलावा जैन बंधुओं ने यह प्रश्न पूछा है कि यह मंदिर किसके आदेश पर ध्वस्त किया गया।

Author: Knn Media
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